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देश का इज्ज़त

“अतिथि देवो भवः” – इसी के साथ आमिर खान टीवी पे आते हैं कि  छोटी छोटी गलतियाँ ना करो और विदेशियों को हैरान ना करो, ताकि वे हमारे देश में बार बार आएँ| पर हमारे देश के लोगों को इन बातों को मानने का फुर्सत कहाँ? कहीं किसी स्विज़ महिला का रेप हो जाता है तो कहीं कोई अपने बुरी आदतों से देश का नाम डुबाता है!

अब पहनो सभी भारतीय अब शर्म का ताज! इस विडियो को देखें…

Hindistan gezisinde isyan :)) by meliheris

कुछ समझ में आया?

कुछ तुर्की आए थे Hindistan(भारत) पे, वहाँ वे एक बस पे सवार हुए और लोग उस बस में कुछ बातों के लिए झगड़ने लगे, इस बात से बेखबर कि कुछ विदेशी उनके बस पे बैठे हुए थे जो इस तरह का तमाशा देख कर हँस रहे थे और विडियो बना रहे थे!!!

अब समझो कहाँ मिट्टी में मिल जा रही है देश की इज्ज़त!

ट्विट्टर में हिन्दी हैशटैग्स

ट्विटर पे अगर हैश(#) लिखने के बाद अगर कोई शब्द लिखें तो वो एक लिंक में बदल दिया जाता है जिसपे क्लिक करने से उस शब्द से सर्च(खोज) किया जाता है, और खोज के परिणामों में दूसरे ट्वीट्स आते हैं जिनपे उसी शब्द के आगे # लगाया गया हो| पर ये बहुत शर्मनाक है, कि ट्विटर पे हिन्दी या देवनागरी शब्दों के आगे अगर हैश लगाया जाए तो उस शब्द को लिंक में बदल नहीं दिया जाता! अंग्रेज़ी और चीनी के बाद हिन्दी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, पर इसके पश्चात भी हिन्दी को ट्विटर में कोई कदर ही नहीं किया गया है, जबकि अरबी, हिब्रीऊ, जापानी, लिथुआनियाई जैसे भाषाओँ के लिपियों में हैशटैग्स काम करते हैं!

क्या इसको आप पश्चिम का भारत के प्रति भेदभाव नहीं कहेंगे, जबकि ट्विटर में हज़ारों भारतीय डिवेलपर, सफ्टवेर इंजीनियर काम करते हैं! खून तो शायद आपका तब उबलने लगेगा जब आपको मालूम पड़ेगा कि ट्विटर पे कोई भी भारतीय भाषा के लिपि में लिखे पाठ को हैशटैग नहीं बनाया जा सकता!

इनके अलावा सिर्फ ग्रीक और अर्मेनियाई ही ऐसे विदेशी भाषा हैं जिन्हें हैशटैग नहीं बनाया जा सकता!

वेलेन्टाइन-डे का विरोध क्यों?

आज 14 फरवरी का दिन बोले तो प्यार के इजहार का दिन। आज के दिन कई प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को कुछ ना कुछ सौगात देकर अपने प्यार का इजहार करेंगे। कुछ लोग साथ जीने मरने की कसमें भी खाएँगे। संत वेलेन्टाइन के बलिदान के उपलक्ष्य में ये दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

आज हर मंदिर एवं हर बगीचे में आपको हाथों में हाथ डाले हुए प्रेमी दिखाई देंगे। उनको रंगे हाथोपकड़ने के लिए कुछ संगठन भी आज अपने हाथों में लठ लेकर और अपनी मूछों को ताव देकर हर चौराहे पर खड़े नजर आएँगे।

यह लोग दिवस को पश्विमी संस्कृति से जुड़ा हुआ त्योहार मानते हैं। उनका दिमाग हमेशा विरोध का झंडा लहराकर सिर्फ एक ही बात करता है कि यह त्योहार भारतीय संस्कृति की गरिमा को ठेस पहुँचाता है, इसलिए उसका भारत में स्वीकार नहीं करना चाहिए लेकिन वह भूल जाते हैं कि उनके बेटे या बेटियाँ भी इस त्योहार का खुले मन से स्वागत करते हैं।

मैं यहाँ पर पश्विमी संस्कृति का समर्थन नहीं कर रहा हूँ मैं तो सिर्फ इन लोगों को समय के साथ अपना तालमेल स्थापित करने का केवल आग्रह कर रहा हूँ। इस दिन का विरोध करने वाले आइने के सामने खड़े होकर एक बार खुद से सवाल करें कि इस दिन का विरोध वो क्यों कर रहे हैं? वो कौन से ठोस कारण और तर्क हैं, जिनके आधार पर इस प्यार भरे दिन का विरोध किया जा रहा है?

  हाँ उनको पूरी स्वतंत्रता है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर इस दिन होने वाली छेड़छाड़ पर रोक लगाएँ लेकिन जो प्रेमी किसी मंदिर में या किसी बगीचे में आराम से बैठकर प्यार की दो बातें कर रहे हैं कृपया उनको बख्शने का कष्ट करें।      

हमारे संविधान में लिखा है कि भारत एक स्वतंत्र और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। यहाँ पर सबको अपनी तरह जीवन जीने की स्वतंत्रता है। फिर यह संगठन ऐसे प्रेमी जोड़ों को परेशान क्यों करते हैं? वह क्यों भूल जाते हैं कि इस प्रकार विरोध कर वह सिर्फ एक दिन के लिए ही मीडिया की सुर्खियों में आएँगे लेकिन सोचो उन्हें कितने प्रेमियों की बददुआएँ झेलनी पड़ेंगी जो असल में सच्चा प्यार करते हैं। जो इस त्योहार को सिर्फ त्योहार के तौर पर न लेकर अपने जीवन का एक अमूल्य हिस्सा मानते हैं।

ऐसे संगठनों को चाहिए कि इस दिन अगर कोई असल में मर्यादाएँ पार कर रहा है, उसको एक अलग जगह पर जाकर प्यार से समझाएँ क्योंकि गुस्से से अक्सर मामले बिगड़ जाते हैं। हाँ उनको पूरी स्वतंत्रता है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर इस दिन होने वाली छेड़छाड़ पर रोक लगाएँ लेकिन जो प्रेमी किसी मंदिर में या किसी बगीचे में आराम से बैठकर प्यार की दो बातें कर रहे हैं कृपया उनको बख्शने का कष्ट करें।

वेलेन्टाइन-डे का विरोध क्यों?जनकसिंह झाला  (वेबदुनिया डॉट कॉम)