इंटरनेट की आज़ादी

भारत में इंटरनेट की आज़ादी नहीं रही!

इस देश के लोग क्या ट्वीटते हैं, क्या अपने ब्लोग्स पे पोस्ट करते हैं, या फेसबुक पे क्या करते हैं इस बात का जाँच किया जाएगा। लोग कहीं सरकार के नीतियों या भ्रष्ठाचारों का मज़ाक तो बना नहीं रहे? कहीं लोग देश के किसी भ्रष्ट नेता के बारे में कुछ कह तो नहीं रहे? अगर देश में भी “अरब बसंत(Arab Spring)” जैसा कुछ हो जाए तो? तब तो भ्रष्ट सरकार को गद्दी से हटना होगा।

पिछले साल असीम त्रिवेदी जी ने सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में लोगों को अवगत करने के लिए कोई कार्टून बना दिया तो उनको अरेस्ट कर लिया गया। उन्होंने “SAVE YOUR VOICE” नामक एक अभियान शुरू किया जिसका एक ट्वीट नीचे एम्बेड किया हुआ है।

इस तरह के पाबन्दियाँ सिर्फ इसलिए लगे गयी है ताकि सरकार भ्रष्टाचार करते रहे और आम आदमी कुछ कह ना सके, बस चुपचाप हाथों पे हाथ रखकर सहते रहे! ऐसा कर भारतीय कोंग्रेस सरकार सिर्फ अपने तानाशाही रूप का प्रदर्शन कर रही है! सरकार बोलने की आज़ादी हमसे छीन रही है! चाहे सरकार नागरिकों के हित(ऑनलाइन सुरक्षा) का बहाना कितना ही क्यों ना दे दे, हमारे सामने असलियत है! भारत का असलियत तो BBC से प्रकाशित ये निबन्ध ही बयाँ करता है!

http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/03/130314_cyber_bullying_sy.shtml

“माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक भारत में 50 फीसदी से ज़्यादा बच्चे इंटरनेट पर साइबर बुलिंग का शिकार होते हैं और ज़्यादातर मामलों में उन्हें मालूम नहीं होता कि इसका सामना कैसे किया जाए.

नतीजा डिप्रेशन, अकेलापन या फिर कई मामलों में आत्महत्या.”

इन मामलों को रोकने के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए, पर देशप्रेमियों को देश बचाने में बाधाएं दल दी, इससे साफ़ ज़ाहिर है सरकार का भ्रष्टाचार!

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